शिकारी देवी वन्यजीव विहार मंडी जिले में स्थित है

0

GK in Hindi on Shikari Devi Study Notes on Shikari Devi शिकारी देवी वन्यजीव विहार मंडी जिले में स्थित है सामान्य ज्ञान शिकारी देवी

शिकारी देवी वन्यजीव विहारः यह वन्यजीव विहार मंडी जिले में स्थित है। इसकी समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 1800 मीटर तथा अधिकतम ऊंचाई 3360 मीटर है। इस विहार क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 1038 मिलीमीटर के लगभग होती है। इस क्षेत्र का तापमान सामान्यतः न्यूनतम दस डिग्री सेंटीग्रेड तथा अधिकतम 30 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है। इस वन्यजीव विहार क्षेत्र को संरक्षण प्रदान करने के लिए पहली बार 1962 में तथा दूसरी बार 1974 में अधिसूचित किया गया। यह विहार, 7200 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस विहार में हिमालयी काले भालू, बारहसिंगा, गुरिल्ला, तेंदुआ, हिरण, लंगूर, छिपकली, लियोपर्ड आदि जीव सुरक्षित हैं। इस वन में खरसू, ओक, उप-अल्पाइन व अल्पाइन प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं।


दरन घाटी वन्यजीव विहारः इस वन्यजीव विहार की समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 2100 मीटर तथा अधिकतम ऊंचाई 3315 मीटर है। यह विहार शिमला जिले में स्थित है। इस वन्य विहार क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 750 मिलीमीटर के लगभग होती है। इस विहार क्षेत्र का तापमान सामान्यतः न्यूनतम आठ डिग्री सेंटीग्रेड तथा अधिकतम 17 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। इस वन्यजीव विहार को पहली बार 1962 में तथा दूसरी बार 1974 में अधिसूचित किया गया। इस विहार में हिमालय क्षेत्र के काले भालू, भूरे भालू, लोमड़ी, हिरण, लियोपर्ड, भेड़ आदि जीव सुरक्षित हैं। यह विहार 16740 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इस क्षेत्र में देवदार, ओक की विभिन्न प्रजाति व हिमालय के उप-अल्पाइन क्षेत्र के वृक्ष पाए
जाते हैं।

माचल प्रदेश के मंडी में पांडवों का बनाया ये मंदिर आज भी लोगों के लिए रहस्यमयी बना हुआ है। दरअसल ये मंदिर 2850 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। आज तक कोई भी व्यक्ति इस मंदिर की छत नहीं लगवा पाया।

कहा जाता है कि मार्कण्डेय ऋषि ने इस मंदिर में सालों तक तपस्या की थी। उन्हीं की तपस्या से खुश होकर मां दुर्गा शक्ति रूप में स्‍थापित हुई। बाद में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मंदिर का निर्माण किया। पांडवों ने भी यहां तपस्या की थी। जिसके चलते मां दुर्गा इनकी तपस्या से प्रसन्‍न हुईं और उसने पांडवों को कौरवों के खिलाफ युद्घ में जीत का आर्शीवाद दिया। इस दौरान यहां मंदिर का निर्माण तो किया गया लेकिन पूरा मंदिर नहीं बन पाया।

माना जाता है कि मां की पत्‍थर की मूर्ति स्थापित करने के बाद पांडव इस मंदिर से चले गए। वहीं इस मंदिर में हर साल बर्फ तो काफी गिरती है लेकिन मां के स्‍थान पर कभी भी बर्फ नहीं टिकती। क्योंकि ये पूरा क्षेत्र वन्य जीवों से भरा पड़ा था। कहा जाता है कि शिकारी अक्सर इस मंदिर में आने लगे थे। वह भी माता से शिकार में सफलता की प्रार्थना करते थे और उन्हें इससे कामयाबी भी मिलने लगी थी। जिससे इस मंदिर का नाम शिकारी देवी पड़ गया।

लेकिन सबसे हैरानी वाली बात ये थी कि मंदिर पर छत्त नहीं लग पाई। कई बार मंदिर पर छत्त लगवाने का काम शुरू किया गया। माता की शक्ति के आगे कभी भी इस मंदिर में छत्त नहीं लग पाई। आज भी हर साल यहां लाखों श्रद्घालु आते हैं।

शिकारी देवी(Shikari Devi GK in Hindi Study Notes) सामान्य ज्ञान पर आधारित परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण प्रश्न :

हिमाचल प्रदेश के “शिकारी देवी वन्यजीव विहार” की समुद्रतल न्यूनतम व अधिकतम ऊंचाई कितनी है

In conclusion, Shikari Devi GK in Hindi – शिकारी देवी सामान्य ज्ञान and All Study Notes GK Questions are an important . In addition For General Knowledge Questions Visit Our GK Based Website @ www.upscgk.com

Leave A Reply

Your email address will not be published.

satta king chart